शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

इनसे मिलिये- अजीत रॉय, कोलकाता, Ajit Roy.

इनसे मिलिये- अजीत रॉय, कोलकाता.
वर्ष २०१० में संतोष कुमार जी के साथ, लेह प्रवास से लौटते समय लेह-मनाली मार्ग में बारलाचा ला के बाद, तंगलंग ला के आगे २४ जून की रात हमने एक टेंट में गुजारी. -2 तापमान था. उसके बाद 25 जून को रोहतांग की और बढ़ते हुए शाम को दारच्चा के पहले एक सज्जन अपने दो नन्हे मुन्नों के साथ बुलेट में साजो सामान के साथ दिखे. बच्चों को देख हम हैरत में पड़ गए. रास्ते में एक पहाड़ी नाला पार करते समय हमने देखा कि नाले के पहले उन्होंने अपनी बुलेट को रोक, बच्चों को एक-एक कर गोद में उठा कर पैदल नाला पार कर, दूसरी ओर छोड़ वापस आकर बुलेट स्टार्ट कर नाला पार किया. समझ में आया कि वो एहतियातन ऐसा कर रहे हैं क्योंकि उस दुर्गम क्षेत्र में जहां नालों में गोल-गोल पत्थर होते हैं, वहाँ दो पहिया वाहनों के पलटने का पूरा अंदेशा रहता है( हमने 40 % को पलटते देखा).
थोड़ी दूर पर फिर एक नाला आया, इस बार हम उनके पीछे थे. उन्होंने हम से सहायता मांगी कि हम उनके बच्चों को कार से नाला पार करा दें, हम सहर्ष तैयार हो गये. इसी बहाने उनसे बात हो गयी. पता चला कि ये श्री अजीत राय हैं, कोलकाता के रहने वाले हैं, भारतीय वायुसेना में हैं ऑर अपने शौक के कारण दिल्ली से बुलेट किराये पर ले, बच्चों(बेटी चिंगू, बेटा सिद्धांत) के साथ हिमालय की सैर कर रहें हैं.

सोमवार, 1 अक्तूबर 2012

ऐसा भी होता है...


बिलासपुर, छत्तीसगढ़. आज भारतीय स्टेट बैंक की नई नीति से सामना हुआ. मेरे घर से चन्द कदमो की दूरी पर है स्टेट बैंक की श्रीकांत वर्मा मार्ग शाखा. इस शाखा में मैं अपनी बिटिया के लिए बचत खाता खुलवाने पहुंचा तो जो जवाब मिला उसके सदमे से अभी तक नहीं उबर पा रहा हूँ. सामने की टेबल पर बैठे सज्जन से जब मैंने पूछा कि बिटिया के नाम से खाता खुलवाना है क्या-क्या कागज़ लगेंगे, क्या-क्या औपचारिकतायें पूरी करनी पड़ेंगी? तो जवाब मिला पैनकार्ड और पहचान पत्र, मैंने कहा बेटी तो स्टुडेंट है उसका पैनकार्ड नहीं है, आप कुछ और बताएं..? जवाब मिला "यहाँ स्टुडेंट्स के खाते नहीं खोले जाते". मैं हतप्रभ रह गया, पूछा क्यों? उन सज्जन ने तुरंत अन्दर बैठे एक अधिकारी की ओर इशारा कर कहा कि आप ब्रांच मैनेजर से बात कर लें. मैं ब्रांच मैनेजर के पास पहुंचा और कहा कि मेरी बेटी बालिग है उसका एकाउंट यहाँ क्यों नहीं खुल सकता?
बिलासपुर छत्तीसगढ़ की भारतीय स्टेट बैंक की श्रीकांत वर्मा मार्ग के ब्रांच मैनेजर ए के घोष ने जवाब दिया " आप अपना खाता खोलें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन स्टुडेंट्स के खाते इस ब्रांच में नहीं खोले जाते", मैंने पूछा आखिर क्यों? तो उन्होंने एक काउंटर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि " देख लीजिये ये हज़ार- दो हज़ार वाले कैसे लाइन बड़ी किये पड़े हैं और हमारे बड़े ग्राहक पीछे हो गयें हैं. स्टुडेंट्स रोज़ ऐसी ही भीड़ लगायेंगे तो हमारे बड़े ग्राहकों को परेशानी होगी और फिर ऊपर से भी आदेश हैं".  उस ब्रांच से बाहर निकलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.