कुछ बरस पहले एक जूनियर ने एक लेपटॉप लिया और कुछ सीखने की गरज से मेरे पास आ बैठा, मैंने उसके लेपटॉप का निरीक्षण शुरू किया, नज़रें ऐश्वर्या राय के वालपेपर्स पर रुक गयीं. वो मुंहलगा था फ़ौरन पूछ बैठा क्या देखने लगे बुढऊ?
उस समय मेरे मुंह में किसी शायर का ये शेर आते-आते रह गया और मैं झेंप कर रह गया. आज ये शेर याद आया है-
ये है कशिशे हुस्न, के है हसरते दीदार?
ताक़त नहीं है बाक़ी, मगर देख रहा हूँ......
अभी कुछ देर पहले अमिताभ जी ने ट्वीट किया है "ऐश्वर्या माँ बननेवाली हैं और मैं दादा"...
सवाल- मामा कितने बन रहें हैं?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें