नए सबक, नए पहलू और नए नज़रिए सिखलातीं, दिखातीं और बनातीं कुछ असहज घटनाओं को सहजता से लेने का सब से अच्छा तरीका है, अपने आप से ये कहना कि " ऐसा भी होता है"!
शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011
My Kids in a Freindship with waves...
मेरे बच्चों के लिए समुद्र में नहाने का ये सिर्फ दूसरा मौका था. पुरी के इस तट पर दस से पंद्रह फुट लहरें उठ रही थीं, उतरता ज्वार था, वापस लौटती लहरों का दबाव बहुत ज्यादा था, सो आपस में टकराती लहरें इंसानों को उठा कर कभी बाएं फेंकतीं तो कभी दायें. इस तट पर समुन्द्र के अन्दर कोई नहीं जा रहा था. मैंने बच्चों का हाथ पकड़ा और उनकी लहरों से दोस्ती कराई फिर क्या था, बच्चों ने लहरों के साथ खूब मस्ती की. आखिर में मैंने उनकी इस दोस्ती का छोटा सा वीडियो बनाया.
पुनश्च- वीडियो स्थिर नहीं है क्योंकि लहरें मुझे भी हिला रही थीं.
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sach bachho ke sath ka ka maja hi kuch aur hai..
जवाब देंहटाएं. bachon ke saath masti ka alag hi aanad hai....
bahut sundar prastuti..
mujhe bhi bachhon ke sang-sang khelna, ghumana bahut pasand hai...
haardik shubhkamnayen..
धन्यवाद कविता जी.
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