पिछले रविवार को बिलासपुर के गोल बाज़ार स्थित छितानी मितानी दुबे धर्मशाला के सामने वाले पीपल पेड़ की एक डंगाल पर लिपटे पतंग के धागों में एक मैना का पैर उलझ गया और वो वहाँ फंस कर रह गई. उसके आर्तनाद को सुन वहाँ के लोगों का ध्यान उसकी और गया. उसके फंसे होने का एहसास होते ही वहाँ से गुजर रहे नंदू गुरूजी, वहाँ के पानठेले वाले, वहाँ खड़े हो कर चाट खा रहे लोगो ने मैना को छुड़ाने की जुगत शुरू कर दी. साथ लगे वीडियो में देखें उस नन्ही सी जान को लोगों ने कैसे बचाया..... अफ़सोस इस बात का कि मैं उसकी परवाज़ को रिकॉर्ड नहीं कर सका क्योंकि आज़ाद होते ही वो नीचे गिर पड़ी, फिर नीचे से ही फुर्र हो गई.
नए सबक, नए पहलू और नए नज़रिए सिखलातीं, दिखातीं और बनातीं कुछ असहज घटनाओं को सहजता से लेने का सब से अच्छा तरीका है, अपने आप से ये कहना कि " ऐसा भी होता है"!
गुरुवार, 10 नवंबर 2011
Rescue Of A Bird.wmv
पिछले रविवार को बिलासपुर के गोल बाज़ार स्थित छितानी मितानी दुबे धर्मशाला के सामने वाले पीपल पेड़ की एक डंगाल पर लिपटे पतंग के धागों में एक मैना का पैर उलझ गया और वो वहाँ फंस कर रह गई. उसके आर्तनाद को सुन वहाँ के लोगों का ध्यान उसकी और गया. उसके फंसे होने का एहसास होते ही वहाँ से गुजर रहे नंदू गुरूजी, वहाँ के पानठेले वाले, वहाँ खड़े हो कर चाट खा रहे लोगो ने मैना को छुड़ाने की जुगत शुरू कर दी. साथ लगे वीडियो में देखें उस नन्ही सी जान को लोगों ने कैसे बचाया..... अफ़सोस इस बात का कि मैं उसकी परवाज़ को रिकॉर्ड नहीं कर सका क्योंकि आज़ाद होते ही वो नीचे गिर पड़ी, फिर नीचे से ही फुर्र हो गई.
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