नए सबक, नए पहलू और नए नज़रिए सिखलातीं, दिखातीं और बनातीं कुछ असहज घटनाओं को सहजता से लेने का सब से अच्छा तरीका है, अपने आप से ये कहना कि " ऐसा भी होता है"!
गुरुवार, 24 अक्टूबर 2013
गुरुवार, 9 मई 2013
आफिस गर्ल्स-
बुधवार को बिलासपुर में एक बड़े ठेकेदार और पेटी ठेकेदार के बीच कामकाज और भुगतान के मामले में कोई एक पेंच फंस गया। मामला कहासुनी से हाथापाई तक पहुँच गया. मौका पाकर पेटी ठेकेदार ने अपनी श्रीमती जी को फ़ोन कर दिया और कहा की साथियों को सूचना दो और थाने में जाकर रिपोर्ट करो कि फलां ने मेरे साथ मारपीट कर मुझे बंधक बना रखा है. जैसा की होता है बड़ा ठेकेदार पहुंच वाला होता है, सो वो अपनी पूरी आन में था "कर ले तेरे को जो करना है".
थोड़ी देर में पेटी ठेकेदार की श्रीमती जी सही में थाने पहुँच गईं, उन्होंने गुहार लगाईं, वहां से गुजरते कुछ पत्रकारों ने महिला को थाने में बैठे देखा तो मामला जानने, थाने के आसपास ही मंडराने लगे. अब पुलिस को महिला के बताये पते पर जाना पड़ा।
बड़े ठेकेदार को खबर लग गई, उसने आनन्-फानन में अपना प्लान B" तैयार किया. अपने आफिस में कार्यरत लड़कियों को बुलाकर कहा कि जब पुलिस आये तो रिपोर्ट लिखवाना, एक से कहा कि तुम कहना इस आदमी ने तुम्हे आँख मारी, दूसरी से कहा कि तुम कहना कि इसने तुम्हारे कंधे पर हाथ रखा था. दोनों तैयार हो गईं।
पुलिस के वहाँ पहुंचते-पहुंचते पेटी ठेकेदार के कुछ साथी भी पहुँच गए थे, मामले में नया मोड आ चुका था। बड़े ठेकेदार ने कहा कि तुम अपनी श्रीमती जी को थाने से जाने को कहो नहीं तो इस मामले में तुम्हे अभी अन्दर करवा दूंगा!
नतीजा- दोनों पक्षों की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं लिखाई गयी, मामला अभी शांत है लेकिन लेनदेन का पेंच अभी भी फंसा है.
बुधवार को बिलासपुर में एक बड़े ठेकेदार और पेटी ठेकेदार के बीच कामकाज और भुगतान के मामले में कोई एक पेंच फंस गया। मामला कहासुनी से हाथापाई तक पहुँच गया. मौका पाकर पेटी ठेकेदार ने अपनी श्रीमती जी को फ़ोन कर दिया और कहा की साथियों को सूचना दो और थाने में जाकर रिपोर्ट करो कि फलां ने मेरे साथ मारपीट कर मुझे बंधक बना रखा है. जैसा की होता है बड़ा ठेकेदार पहुंच वाला होता है, सो वो अपनी पूरी आन में था "कर ले तेरे को जो करना है".
थोड़ी देर में पेटी ठेकेदार की श्रीमती जी सही में थाने पहुँच गईं, उन्होंने गुहार लगाईं, वहां से गुजरते कुछ पत्रकारों ने महिला को थाने में बैठे देखा तो मामला जानने, थाने के आसपास ही मंडराने लगे. अब पुलिस को महिला के बताये पते पर जाना पड़ा।
बड़े ठेकेदार को खबर लग गई, उसने आनन्-फानन में अपना प्लान B" तैयार किया. अपने आफिस में कार्यरत लड़कियों को बुलाकर कहा कि जब पुलिस आये तो रिपोर्ट लिखवाना, एक से कहा कि तुम कहना इस आदमी ने तुम्हे आँख मारी, दूसरी से कहा कि तुम कहना कि इसने तुम्हारे कंधे पर हाथ रखा था. दोनों तैयार हो गईं।
पुलिस के वहाँ पहुंचते-पहुंचते पेटी ठेकेदार के कुछ साथी भी पहुँच गए थे, मामले में नया मोड आ चुका था। बड़े ठेकेदार ने कहा कि तुम अपनी श्रीमती जी को थाने से जाने को कहो नहीं तो इस मामले में तुम्हे अभी अन्दर करवा दूंगा!
नतीजा- दोनों पक्षों की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं लिखाई गयी, मामला अभी शांत है लेकिन लेनदेन का पेंच अभी भी फंसा है.
शनिवार, 6 अप्रैल 2013
tu jo aa jaye
तू जो आ जाये ..तो इस घर को संवरता देखूं ...
एक मुद्दत से जो वीरां है .. वो बसता देखूं ...
ख्वाब बन कर तू बरसता रहे ..शबनम शबनम (मूल- ख्वाब बन कर तू बहाता रहे जन्नत के झरने ..)
और बस मैं इसी मौसम को निखरता देखूं ...
जिससे मिलना ही नहीं उससे मोहब्बत कैसी ..
सोचता जाऊं ... मगर दिल में उतरता देखूं .....
दिल गया था तो ये आँखें भी कोई ले जाता ....
मैं फ़क़त एक ही तस्वीर कहाँ तक देखूं ....
चंद लम्हे जो तेरे इश्क़ के मिल जाते हैं ..
इन्ही लम्हों को मैं सदियों में बदलता देखूं ...
तू जो आ जाये ..तो इस घर को संवरता देखूं ...
एक मुद्दत से जो वीरां है .. वो बसता देखूं ...
-फैज़ल
एक मुद्दत से जो वीरां है .. वो बसता देखूं ...
ख्वाब बन कर तू बरसता रहे ..शबनम शबनम (मूल- ख्वाब बन कर तू बहाता रहे जन्नत के झरने ..)
और बस मैं इसी मौसम को निखरता देखूं ...
जिससे मिलना ही नहीं उससे मोहब्बत कैसी ..
सोचता जाऊं ... मगर दिल में उतरता देखूं .....
दिल गया था तो ये आँखें भी कोई ले जाता ....
मैं फ़क़त एक ही तस्वीर कहाँ तक देखूं ....
चंद लम्हे जो तेरे इश्क़ के मिल जाते हैं ..
इन्ही लम्हों को मैं सदियों में बदलता देखूं ...
तू जो आ जाये ..तो इस घर को संवरता देखूं ...
एक मुद्दत से जो वीरां है .. वो बसता देखूं ...
-फैज़ल
शनिवार, 30 मार्च 2013
गुरुवार, 28 मार्च 2013
Bilaspur Press Club Me Holi 2013
इस साल बिलासपुर प्रेस क्लब में होली शानदार रही। पहले नगाड़ों की थाप और बाद में फाग पर सदस्यों ने जमकर ठुमके लगाये
शुक्रवार, 22 मार्च 2013
Rang Daalo ....
उस्ताद अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन, बिलासपुर में
मित्रों की मांग पर एक क्लिप- ...होली हैं ना ...
मित्रों की मांग पर एक क्लिप- ...होली हैं ना ...
रंग डालो .. तन-मन की बगिया, फागुन बन कर आ जाओ,
बरस पड़ो दिल के आँगन में ... रंगों की बरसात लिये ...
बोल रहा था कल वो मुझको, हाथ में मेरा हाथ लिये ...
-क़तील राजस्थानी, राग यमन .
एल्बम- राहत, सा रे गा मा। .
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