शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2011

My Kids in a Freindship with waves...


मेरे बच्चों के लिए समुद्र में नहाने का ये सिर्फ दूसरा मौका था. पुरी के इस तट पर दस से पंद्रह फुट लहरें उठ रही थीं, उतरता ज्वार था, वापस लौटती लहरों का दबाव बहुत ज्यादा था, सो आपस में टकराती लहरें इंसानों को उठा कर कभी बाएं फेंकतीं तो कभी दायें. इस तट पर समुन्द्र के अन्दर कोई नहीं जा रहा था. मैंने बच्चों का हाथ पकड़ा और उनकी लहरों से दोस्ती कराई फिर क्या था, बच्चों ने लहरों के साथ खूब मस्ती की. आखिर में मैंने उनकी इस दोस्ती का छोटा सा वीडियो बनाया.

पुनश्च- वीडियो स्थिर नहीं है क्योंकि लहरें मुझे भी हिला रही थीं.

मंगलवार, 11 अक्टूबर 2011

मंगलवार, 13 सितंबर 2011

It Happens….


Train accident because of emergency breaks..
 D and L system calculated draw an one day cricket match…..Amazing
१.... ट्रेनों में इमरजेंसी ब्रेक हादसों को रोकने के लिए होते हैं और पिछले दिनों एक ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक लगाने से एक्सीडेंट हो गया...
२.  डकवर्थ और लूइस प्रणाली सीमित ओवरों के क्रिकेट मैचों में जीत-हार के नतीजों तक पहुँचने के लिए अपनाई गई है और इसके अनुसार पिछले दिनों एक वन डे मैच ड्रा हो गया......ऐसा भी होता है:

बुधवार, 31 अगस्त 2011

रविवार, 28 अगस्त 2011

अब कितने दिन में?

अन्ना के अनशन पर कुछ मैं भी लिख दूं ये सोच कर बैठा, अभी नोटिफिकेशन ही देख रहा था कि बगल में मेरा बेटा आ बैठा, कक्षा नवमी का छात्र है. पूछने लगा कि अब कितने दिन में प्रधानमंत्री और बाकी मुख्यमंत्रियों का पैसा जब्त होके सरकारी खजाने में आ जायेगा? मेरा मुंह खुला रह गया, मैं कुछ बोल पाता इससे पहले उसने एक और सवाल दाग दिया क्या ये सही है कि विदेशों में जमा पैसा वापस आने पर दस साल तक इस देश में टैक्स नहीं लगेगा? ऐसा कब होगा? और... और....... मैंने कहा बस कर और उससे पूछा किसने तुम से ये सब कहा है? जवाब आया ये बातें तो रोज़ हमारे स्कूल में साथी लोग कह रहे हैं.
अब मैंने सब काम छोड़ कर उसे लोकपाल और जनलोकपाल का मतलब बताया, स्थाई समिति के बारे में बताया, ये भी बताया कि विदेश में जमा धन वापस लाने का आन्दोलन रामदेव बाबा का था. आधे घंटे की इस क्लास में उसे कितना समझ में आया? ये तो मैं नहीं जानता लेकिन सिटीजन चार्टर की बात पर ये जानकर कि  अधिकारियों की तनखा से जुर्माने की राशि कटेगी उसे मजा आ गया. अभी भी वो मेरी बगल में बैठा है मुझे ये लिखते देख कर कह रहा है, पापा काफी हद तक सब समझ में आ गया है.......?

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

मैं अण्णा!

सोलह अगस्त के बाद अन्ना होने के मायने बदल गए हैं. "मैं अन्ना का" नारा भी स्वस्फूर्त हो गया है.
बचपन से सुनते आये हैं "हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजामे गुलिस्तां क्या होगा"?
आज कल्पना कर रहा हूँ- "जब हर शाख पे एक अन्ना होगा, रंग ए हिन्दुस्तां क्या होगा?

रविवार, 14 अगस्त 2011

Shammi Kapoor......

बचपन से जिसके गाने सुन-सुन कर जवानी में थिरके थे, तब कोई यदि हमें जंगली कहता था तो लगता था मानो कोई ख़िताब मिल गया हो. शम्मी कपूर का जाना आज की दु:खद खबर. हमेशा याद रहेंगे. भगवान् उनकी आत्मा को शांति दे. उनके परिवार व लाखों प्रशंसकों को इस दु:ख को सहने की क्षमता दे. आमीन!