नए सबक, नए पहलू और नए नज़रिए सिखलातीं, दिखातीं और बनातीं कुछ असहज घटनाओं को सहजता से लेने का सब से अच्छा तरीका है, अपने आप से ये कहना कि " ऐसा भी होता है"!
रविवार, 4 दिसंबर 2011
Romance with the Life........ "PACKUP" End Of An Era
फिल्म तेरे घर के सामने के इस गीत में देवानंद जी का सहज अभिनय और नूतन जी का बालकनी में आकर हर्षमिश्रित हैरानी का भाव देना, मेरे पटल में बस गया. मैं मुरीद हो गया. श्रद्धांजलि. पहले महज एक जुमला लगता था.... अब समझ में आ रहा है कि किसी के जाने पर "एक युग का अंत" क्यों कहा जाता है....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें