शनिवार, 11 सितंबर 2010

बिलासपुर प्रेस ध्यान दे !

हाल में बिलासपुर छत्तीसगढ़ के मीडिया कर्मियों को जो अनुभव स्थानीय पुलिस से मिल रहे हैं उसमे अभी कई रंग और मिलने वाले हैं, क्योंकि प्रेस क्लब के वरिष्ठ सदस्य अपना दुखड़ा लेके जब पुलिस के आलाअधिकारी से मिले तो जो सलाह उन्हें दी गई उससे वो अभी तक सकते में हैं. प्रस्तुत हैं कुछ अंश-
* अरे इतने कैमरों कि जरूरत क्या है? आप लोग मिल बैठ कर तय कर लो कि किस कार्यक्रम में किसको जाना है? बाद में सभी लोग उससे फोटो या वीडियो शेयर कर लें.
* मैं तो मीडिया को रेगुलेट कर के ही रहूँगा! मेरे सामने ये भभड़ नहीं चलेगा, ये क्या तरीका है कि राज्यपाल भवन का उदघाटन करने के बाद पौधा रोपण करने जा रहे तो पच्चीस-तीस कैमरा उनके आगे-पीछे दौड़ने लगे? अरे भाई कितनी फोटो खीचोगे कितनी फोटो छपती है?
* ये कैमरामैन वी आई पी की सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं. ये इनके लिए निर्धारित जगह पर कभी नहीं रहते सब तरफ घूम-घूमकर कैमरा चलाते रहते हैं, अरे कितने एंगल चाहिए?
* जहां धक्का-मुक्की होगी वहाँ पुलिस आएगी और उनको बाहर निकालेगी ही, क्योंकि पुलिस का काम ही है वव्यस्था  बनाना.
* आप को प्रशासन के साथ बैठ कर ये तय कर हमें बताना होगा कि किसी कार्यक्रम मैं कितने स्टिल और कितने वीडियो कैमरे जायेंगे. इसके लिए आप चाहे सोनमणि के साथ बैठे या बैजेन्द्र कुमार के साथ, बैजेन्द्र का नंबर दूं? मैंने उन्हें पत्र भी लिखा है, या फिर मुख्यमंत्री से ही मिल कर ये बातें तय कर लें.....
तो भाइयों क्या विचार हैं आपके?
बाहर वाले मीडिया कर्मियों को बता दूं कि बिलासपुर में बाईट लेने गए कैमरामेन को सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगा कर हवालात में डाल दिया गया, पत्रकारों ने जब गुहार लगाईं तो उनसे कहा गया कि उनकी जमानत का बंदोबस्त करो!
* एक कार्यक्रम में सुआ नाच कि फोटो खींच रहे सीनियर फोटोग्राफर से कहा गया " तू भी उनके साथ नाचेगा क्या? निकल वहाँ से".... इससे वहाँ मौजूद पत्रकारों में हलचल होने लगी तो उनसे कहा गया कि अभी आप लोग भी बाहर जाओ जब जरूरत होगी आप को बुला लिया जाएगा.....
बहरहाल आगे क्या-क्या होता है? हम सब देखेंगे, हाँ इतना जरूर हुआ कि आलाअधिकारी के कमरे से बाहर निकलते हुए एक वरिष्ट पत्रकार ने कहा कि ये तो वैसे ही हो गया जैसे गली में यहाँ वहाँ, कहीं भी पेशाब कर देने वाले बच्चे की शिकायत करने मोहल्लेवाले जब उसके बाप के पास पहुंचे तो देखा कि वो खुद अपनी छत में खड़ा होकर दूसरे की छानी में मूत रहा है....

कमल दुबे. 

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